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milk price hike

अक्टूबर के बाद अब फरवरी में बढ़ाए अमूल ने दूध के भाव 

अक्टूबर के बाद अब फरवरी में बढ़ाए अमूल ने दूध के भाव 

गुजरात की अमूल कंपनी ने एक बार फिर दूध के भावों को काफी बढ़ा दिया है। दूध की कीमत में 3 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि देखने को मिली है। जो कि तत्कालिक रूप शीघ्र लागू होगी। इस बढ़वार के उपरांत अमूल गोल्ड का भाव 66 रुपये प्रति लीटर, अमूल ताजा का भाव 54 रुपये प्रति लीटर, अमूल गाय का दूध 56 रुपये प्रति लीटर एवं अमूल भैंस का दूध फिलहाल 70 रुपये प्रति लीटर में विक्रय किया जाएगा। आपको बतादें, कि अमूल कंपनी द्वारा विगत वर्ष अक्टूबर माह में दूध के भाव में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी। अमूल द्वारा इस वर्ष दूध के भाव में पहली बढ़ोतरी है। मदर डेयरी ने भी दिसंबर माह में दिल्ली एनसीआर में दूध का मूल्य 2 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा था।

अब आधे लीटर दूध की कितनी कीमत होगी

कंपनी का कहना है, कि वर्तमान में ग्राहकों को आधा लीटर अमूल ताजा दूध बाजार में 27 रुपए में मिलेगा। साथ ही, अमूल गोल्ड आधा लीटर खरीदने के लिए आपको 33 रुपये खर्च करने होंगे। अमूल गाय का आधा लीटर दूध लेने के लिए आपको 28 रुपये देने पड़ेंगे। अमूल 2 भैंस के आधे लीटर दूध हेतु 35 रुपये खर्च करने होंगे।
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अमूल ने क्यों बढ़ाये दूध के दाम

अमूल कंपनी के माध्यम से बताया गया है, कि अमूल दूध का भाव उत्पादन एवं खर्च में हुई वृद्धि की वजह से बढ़ा है। कंपनी का कहना है, कि विगत वर्ष की अपेक्षाकृत इस वर्ष चारे का भाव 20 फीसद तक बढ़ गया है। कंपनी का कहना है, कि इसी वजह से दूध के भाव में बढ़ोत्तरी की गई है। कंपनी का कहना है, कि इनपुट व्यय में बढ़ोत्तरी से विगत वर्ष की अपेक्षा में किसानों के भावों में 8-9 फीसद तक की बढ़ोत्तरी देखी गई है।

प्रति माह दूध के भावों में वृद्धि हो रही है

अमूल कंपनी द्वारा पहले माह अक्टूबर 2022 में दूध का भाव में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी। वर्तमान में 3 फरवरी को दूध का भाव दोबारा से बढ़ाने की घोषणा कर दी गई है। अगर हम दूध की कीमतों में औसतन वृद्धि को ध्यान में रखें तो माह अक्टूबर 2022 से फरवरी माह 2023 तक दूध का भाव प्रति माह 1 रुपये प्रति लीटर दूध का भाव बढ़ा है।
सब्जियों की बढ़ती कीमतों के साथ साथ अब दूध भी बिगड़ेगा रसोई का बजट

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तकरीबन प्रति वर्ष दूध की कीमतों में इजाफा होता है। विशेष कर विशेष 12 साल में दूध के दाम 57 प्रतिशत बढ़े हैं। परंतु, कीमतों में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी साल 2022 के दौरान हुई है।

सब्जियों के साथ साथ दूध के बढ़ते दाम

महंगाई का भार आम आदमी के ऊपर से कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। बतादें, कि हरी सब्जी, दाल, चावल एवं मसालों के उपरांत फिलहाल दूध भी रसोई का बजट खराब करने वाला है। एक अगस्त से कर्नाटक में लोगों के लिए दूध खरीदना काफी महंगा हो जाएगा। कर्नाटक सरकार ने नंदिनी दूध की कीमत में 3 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से इजाफा करने का निर्णय लिया है। मुख्य बात यह है, कि बढ़ी हुईं कीमतें 1 अगस्त से लागू की जाऐंगी। हालांकि, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) ने भी
दूध के दाम बढ़ाने को लेकर सरकार से मांग की थी। उसने कीमतों में 5 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बढ़ोतरी करने की मांग की थी।

कर्नाटक में अन्य राज्यों के मुकाबले दूध का रेट सस्ता है

दूध में बढ़ोत्तरी के बाद भी कर्नाटक में अन्य राज्यों की तुलना में दूध का भाव सस्ता ही रहेगा। बतादें, कि कर्नाटक में दूध की शुरूआती कीमत 39 रुपए प्रति लीटर है। वहीं, आंध्र प्रदेश में दूध 56 रुपये लीटर बिकता है। इसी तरह से तमिलनाडु में 44 रुपये तो केरल में की स्टार्टिंग कीमत 50 रुपये लीटर है। लेकिन, दिल्ली, गुजरात एवं महाराष्ट्र में टोंड दूध 54 रुपये प्रति लीटर पर बिकता है।

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विगत वर्ष प्रतिदिन 94 लाख लीटर दूध खरीदा जाता था

खबरों के अनुसार नंदिनी दूध की कीमतों में वृद्धि का प्रभाव दूसरे ब्रांडों पर भी पड़ सकता है। देखा-देखी दूसरे राज्य में दूसरी डेयरी कंपनियां भी दूध की कीमतों में वृद्धि कर सकती हैं। इससे इस महंगाई में जनता का बजट और डगमगा जाएगा। हालांकि, केएमएफ अधिकारियों ने बताया है कि दूध की खरीद में पिछले साल की तुलना में भारी गिरावट दर्ज की गई है। विगत वर्ष प्रति दिन 94 लाख लीटर दूध खरीदा जाता था, जो अब घटकर 86 लाख लीटर पर पहुंच चुका है। उनका कहना है, कि किसान अत्यधिक कीमत मिलने के चलते निजी कंपनियों के हाथों दूध बेच रहे हैं। इससे दूध की किल्लत हो गई है। यही वजह है, कि दूध की कीमतों में वृद्धि करने का फैसला लिया गया।

कंपनियां भी कीमतों में इजाफा कर रही हैं

केएमएफ के अधिकारियों की चाहे जो भी दलीले हों, परंतु उत्तर भारत में भी आने वाले दिनों में दूध की कीमतों में 3 रुपये लीटर के अनुरूप इजाफा हो सकता है। क्योंकि, उत्तर भारत में चारे के साथ-साथ पशु आहार भी 25% तक महंगे हो गए हैं। इसका प्रत्यक्ष तौर पर प्रभाव दूध के उत्पादन पर पड़ रहा है। अब किसानों को दुधारू पशुओं के चारे पर अधिक धनराशि खर्च करनी पड़ रही है। अब ऐसी स्थिति में वे लागत निकाल कर डेयरी कंपनियों को महंगे भाव पर दूध बेच रहे हैं। यही वजह है, कि महंगी खरीद होने की वजह से डेयरी कंपनियां भी कीमतों में इजाफा कर सकती हैं।

किचन का बजट काफी प्रभावित होगा

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि लगभग प्रतिवर्ष दूध की कीमतों में बढ़ोतरी होती है। विशेष कर पिछले 12 साल में दूध के भाव 57 प्रतिशत बढ़े हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा पिछले साल कीमतों में वृद्धि हुई है। साल 2022 में दूध की कीमतों में उछाल आने से 10 रुपये तक महंगा हो गया। इसके अलावा इस साल भी फरवरी माह में दूध की कीमतों में 3 रुपये का इजाफा हुआ। ऐसी स्थिति में लोगों को काफी डर सता रहा है, कि नंदिनी को देखकर कहीं बाकी कंपनियां भी दूध का रेट न बढ़ा दे। अगर ऐसा होता है, तो इस महंगाई में किचन का बजट बहुत ही ज्यादा डगमगा जाएगा।

दूध इस वजह से भी महंगा हो सकता है

आजकल पंजाब व हरियाणा समेत बहुत सारे राज्यों में बाढ़ की वजह से धान की फसल चौपट हो गई है, जिसका प्रत्यक्ष तौर पर प्रभाव आने वाले महीनों में चारे पर पड़ेगा। इसकी वजह यह है, कि धान की पराली का सबसे ज्यादा उपयोग चारे में तौर पर किया जाता है। साथ ही, दक्षिण भारत में औसत से काफी कम बारिश हुई है, जिससे धान के क्षेत्रफल में कमी आने की संभावना है। इसका प्रभाव भी मवेशियों के चारे पर पड़ेगा। ऐसी स्थिति में चारा हद से ज्यादा महंगा होने पर दूध की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिलेगी है।